Short Life Quotes and Inspirational Shayari in Hindi

कचरे में फेंकी हुई रोटी ये बताती है, कि पेट भरने के बाद इन्सान अपनी औकात भूल जाता है !!
खुद का माइनस पॉइन्ट जान लेना जिंदगी का सबसे बड़ा प्लस पॉइन्ट है !!!
जिंदगी में एक ऐसे इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,जिसको दिल का हाल बताने के लिए शब्दों की ज़रूरत न पड़े !!!
कहीं धोखे में आँखे है तो कही आँखों में धोखा है !!!
जो लोग पानी की बूँद से डरते है वो हालत देखकर अपने आप को तैराक बताने लगते है !!!
संसार में मनुष्य एक मात्र प्राणी है जिसका जहर उसके दांतों में नहीं,शब्दों में है !!!
बदरंग हो गई है दुनिया इसमें नया रंग भरने दो। अमीरों की बस्ती में फकीरों को भी बसने दो !!
कोई सरहद नहीं होती ये गलियारा नहीं होता अगर मां बीच में होती तो बंटवारा नहीं होता !! ~मुनव्वर राना
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है !! ~वसीम बरेलवी
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ख़ुद तलक पहुँचने का मुख़्तसर सा रास्ता है….ख़ामोशी !!
अकेलेपन से नहीं, झूठे रिश्तों से दहशत होती है..!!
किरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता है, लोग इन्सान की पहचान उसकी अदाकारी से करते हैं !!
कौन पूरी तरह काबिल है, कौन पूरी तरह पूरा है, हर एक शक्स कहीं न कहीं से थोड़ा सा अधूरा है…!!
खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में… लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये…!!
जरूरी नही कि वो मुज़रिम ही हो… जिनके हक़ में फैसले नहीं होते.!!
कभी आँसू कभी सजदे तो कभी हाथों का उठ जाना, नाकाम हो जाए तो रब बहुत याद आता है..!!
अपनों की साजिशो से परेशान जिंदगी गैरो से पूछती है, तरीका निजात का…!!
हक की लड़ाई तन्हा ही लड़नी होती है… सैलाब उमड़ता है जीत जाने के बाद..!!
बस यही सोचकर किसी से शिकवा ना किया मैंने. कि अपनी जगह हर इंसान सही हुआ करता है…!!
देखी नहीं किसी में बुराई मैंने जब से ..अपने गिरेबां में झांकने की आदत डाली है !!
बडी गहरायी तक टूटा है वो
जो एक शख्स कभी रोता नहीं है !!
एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक… जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा…!!
कोई वकालत नहीं चलती ज़मीन वालों की , जब कोई फैसला आसमान से उतरता है !!
खुद को भूल न जाऊं भटक न जाऊं कहीं… एक टुकड़ा आइना जेब में रखता हूँ अक्सर !!
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ज़रा ये धूप ढल जाए तो
उनका हाल पूछेंगे, यहाँ कुछ साए खुद को खुदा बताते हैं !!
मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको…! आज भी इंसानीयत ही मेरा खुदा हुआ …!!
सच की राह चला मुसाफिर मंजिल से कभी दूर नहीं होता, झूठ की कश्ती कभी साहिल तक नहीं पहुँचती !!
तूफ़ानों को कहो अपनी औकात में रहे, उन्होंने सिर्फ कश्ती देखी है, हौंसले नहीं !!
गैरों से कहा तुमने, ग़ैरों से सुना तुमने ! कुछ हमसे कहा होता,कुछ हमसे सुना होता !!