Best Unlimited Hindi Shayari Collection for WhatsApp and Fb Status

रुख मंदिर का किया था
उसे भुलाने की नीयत से…
दुआ में हाथ क्या उठे
फिर उसी को मांग बैठे !!
कभी तो आये वो सामने ,
मुद्दत हो गये जिदंगी से मिले !!
चलो थोड़ा अकेला जिया जाए..
दिल दुखाने वालों से किनारा किया जाए !!
बेपनाह मोहब्बत की सजा पाए बैठे है ,
हासिल ना हुआ कुछ भी और सबकुछ लुटाये बैठे है !!
मोहब्बत इतनी कि जता न पाऊ..
दर्द इतने कि बता ना पाऊ !!
सुनो, जाने कैसा कर्ज है, मोहब्बत का मुझपे……………..!!
कितना भी तड़प लूँ, किश्तें दर्द कि पूरी नहीं होती……….!!
बेवफाई कर दी तुमने चलो अलग बात है लेकिन..
सरेआम दुसरो का हाथ थाम यूँ बेहयाई तो न करो..!!
ए “मौत”, जरा पहले आना गरीब के घर,
‘कफ़न’ का खर्च दवाओं में निकल जाता है !!
अकेला रहने पर मजबूर कर दिया तेरी मोहबत ने..
कभी वक़त था हमारे बगैर महफ़िल नहीं चलती थी !!
एक सुकून सा मिलता है….तुझे सोचने से भी
फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है !!
जिसे पा नहीं सकते ,,,,,
उसे ब्लॉक कर देना ही इश्क़ है !!
हाल पुछा ना ख़ैरियत पुछी,
आज भी उसने हैसियत पूछी !!
रात ख़ामोश सी…चुपचाप है…,
पर शोर तेरी यादों का बेहिसाब है !!
चाहत ने तेरी मुझको
कुछ इस तरह से घेरा
दिन को हैं तेरे चर्चे
रातों को ख़्वाब तेरा
तुम हो जहाँ वहीं पर
रहता है दिल भी मेरा
बस इक ख़्याल तेरा
क्या शाम क्या सवेरा !!
“उसे सोचकर उठना…और उसे सोचकर सो जाना,
कितना आसान है…उसका न होकर भी उसका हो जाना…!”
सिलसिले ये मोहब्बत के कभी न थमने वाले….
तुम हमारे नहीं होने वाले, हम किसी और के नहीं होने वाले…😘.!!!!
“मेरी बर्बाद ज़िंदगी को मिली सज़ा हो तुम..,
मर मर के जी रहे हैं…उसकी वजह हो तुम..!”
सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं !!
लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है !!
दिल अभी पूरी तरह टुटा नही…
आपकी जरा ओर मेहरबानी चाहिए !!
हैसियत की बात ना कर,
तेरी जेब से बड़ा मेरा दिल है !!
“ये अलग बात है कि तेरी सुनी
गयी…,
वरना रब तो मेरा भी वही था ।।”
तुम मुझे कई दिनों तक इग्नोर करते हो…
फिर भी हम तुम्हे 0.02 सेकंड में रिप्लाई करते है !!
मोहब्बत के दाव मे माहिर थे हम ..
लेकिन नफरत मे वो दो कदम आगे निकले !!
हम रूठ भी जाएं तो ……हमें मनाएगा कौन
बस इसी फिक्र में ……खुश रहते हैं..!!
है कोई, जो करेगा रफूगरी मेरी….
इश्क खा गया है जगह-जगह से मुझे !!
यूँ ही नही आई मेरे लहज़े में तल्ख़ी
रिश्तों में बेरुख़ी का ज़हर चखा है मैंने !!