Aashiqui, Dard Bhari and Love Shayari Collection in Hindi

तुम सा कोई दूसरा जमीन पर हुआ, तो रब से शिकायत होगी !!
देखते हो बस ऐब ही ऐब मुझ में…!! मीडिया से हो गए हो आजकल तुम…!!
हमें देख कर जब उन्होने मुँह मोड लिया एक तसल्ली सी हो गयी की चलो, पहचानते तो है..!!
पत्थर की तरह सख्त बन जाते हैं धीरे धीरे
लम्हे गुज़र कर वक़्त बन जाते हैं धीरे धीरे !!
प्यार वो जख्म है जो कभी भरता नही ।
ये वो सफर है जो मर के भी ख़त्म होता नही !!
“फूल ही नहीं हम काँटों मै भी बसते है ,
ख़ुशी ही नहीं हम गम मै भी हँसते हैं !!
शायरी करना आसान नहीं ऐ दोस्त ,
दर्द दिल मैं होता है तब शायर बनते हैं !!
ख़ुशी ही नहीं हम गम मै भी हँसते हैं !!
शायरी करना आसान नहीं ऐ दोस्त ,
दर्द दिल मैं होता है तब शायर बनते हैं !!
तुम बंद कर लो चाहे दिल के दरवाजे सारे , हम दिल मैं उतर जायेंगे कलम के सहारे !!
मैं वो चाँद हूँ जो अनगिनत सितारों के बीच अकेला है !!
इशारों में बात करनी थी, तो पहले बताते,
हम शायरी को नही, आँखों को सजाते !!
हम शायरी को नही, आँखों को सजाते !!
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चाहूँ तो चंद लफ़्ज़ों में तुम्हारा पूरा शहर भिगो दूँ..
खैर छोड़ो गुमनाम ही रहने दो ये शायर के इश्क़ की कहानी है..!!
इक राह में हूं, इक सफर में हूं।
तेरे इश्क में हूं, तेरे असर में हूं !!
तेरे इश्क में हूं, तेरे असर में हूं !!
हिचकियाँ रात दर्द तन्हाई आ भी जाओ तसल्लियाँ दे दो !! ~ नासिर जौनपुरी
कोहरा, कभी धूप, कभी ओस की बूँदें मिल कर तुम्हारी याद का कारोबार करे है !!
दुनिया कितनी छोटी है न तुम पर आ कर रुक सी गई है !!
कभी तिनके..कभी पत्ते..तो कभी ख़ुश्बू उड़ा लाई.. हमारे पास तो आँधी भी कभी तनहा नहीं आई..!!
गम की परछाईयाँ यार की रुसवाईयाँ, वाह रे मुहोब्बत ! तेरे ही दर्द और तेरी ही दवाईयां…

मेरी उम्र भर की मुसाफ़तें मुझे एक पल ना थका सकीं तेरी इक नज़र की बेरूख़ी से मैं ज़र्रा ज़र्रा बिखर गया…..!!
शायरी आपकी जो न महफ़िल में आएगी ये ज़िन्दगी तब कैसे गुजर पाएगी !!
उदासी, शाम, तन्हाई, यादे, बेचैनी.. मुझे सब सौंपकर सुरज उतर जाता है पानी मे..!!
जिस दिन मेरी मौत कि खबर आयेगी लोग कहेंगे मिला तो कही नही पर शायरी अच्छा करता था !!
कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब, इश्क़ का रोग था, बाप की चप्पल से ही आराम आया !!
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला,
अब सारा शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता. !!
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रिश्ता तोड़ना मेरी फ़ितरत में नहीं हम तो बदनाम हैं रिश्ता निभाने के लिये..!!
रोज़ – रोज़ जलते हैं ….. फिर भी खाक़ न हुए …!!
अजीब हैं कुछ ख़्वाब जो..बुझ कर भी राख़ न हुए .??
कभी रज़ामंदी तो कभी …. बग़ावत है इश्क़ ……!!
मोहब्बत राधा की है तो मीरा की इबादत है इश्क़..??
शायरी करने की अदा पर मत फिदा हुआ करो
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मेरे दिल के हर अल्फ़ाज़ पर किसी का हक़ है !!
उनके रूठने का तो मत पूछिये जनाब , वो तो इस बात पे भी रूठे है कि मनाया नहीं हमने !!